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बचपन के मजेदार यादे आपको आपके बचपन में ले जाएंगे दिल खुश ना हो तो कहना। funny memories of childhood you to your childhood.
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हैलो दोस्तों आज मैं आपको ले जाता हूँ आपको, आपके बचपन में जब हम बड़े हो जाते हैं बचपन हमारा धीरे धीरे हम से दूर होती जाती है और बचपन की वो शरारती कारनामें केवल खाली यादों में ही रह जाते हैं जिसे कभी कभी याद करके हम सबका चेहरा खिल जाता है वो मज़ेदार बचपन के दिन जब हम पेड़ों पे सायकल के पुराने टायरों को रस्सी से बाँधकर झुला बनाते थे और बारी बारी से सभी दोस्त झुला झूलते थे कितना मजा आता था जब हम गर्मी के दिनों में बर्फ के गोले के लिए घरवालों से पैसे झूठ बोलकर मांगते थे और कोने में जाकर चुपके से खाने में कितना मजा आता था और आम के बगीचा मे आम चुराने के लिए जाते थे और माली खूब दौड़ाते थे।कितना मजा आता था जब हम बाहर से खेलकर थके हुए घर आते थे और घर में कहीं भी सो जाते थे लेकिन जब हम सो कर उठते थे तो अपने आपको बिस्तर में ही पाते थे और घर में रखे सायकल के पुराने टायरों को मुंह से गाड़ी की आवाज निकालते हुए गांव की गलियों में चलाते थे
और जब हम बचपन में खेलतेे खेलते अपनेेे ही दोस्तों के साथ झगड़ते थे और तुरंत 2 मिनिट मे फिर से दोस्ती कर लेते थे। बचपन में खेल मस्ती मज़ाक के अलावा और कोई दूसरा काम नहीं होता है, ना कोई जिम्मेदारी ना कोई मेहनत बस घर में आराम से अपना दिन कैसे निकलता है पता ही नहीं चलता है और हम बड़े हो जाते हैं फिर भी हमे ऐसा एहसास होता है कि हम अभी भी बहुत छोटे है जब छोटा था तो यह सोचता था कि भगवान मैं जल्दी बड़ा हो जाऊँ लेकिन अब सोचता हूं कि मैं छोटा ही क्यों नहीं रहा कितना मजा आता था जब छोटे थे अब वो मजा नहीं आता है
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