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स्वामी विवेकानंद जी SWAMI VIVEKANAND के पावन विचार पढ़ लोगे तो समझ आ जाएगा पवित्र संसार IF YOU READ THE HOLY THOUGHTS OF SWAMI VIVEKANAND THEN THE HOLY WORLD WILL BE UNDERSTOOD
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स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था।उनका जन्मदिन हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं उनके 10 ऐसे विचार के बारे में जो हर युवा के काम आएंगे. साथ ही इन्हें पढ़कर जीवन जीने का एक नया मकसद मिल सकता है। भारत के महान पुरुष को कोटि कोटि धन्यावाद और दिल से स्वामी जी को नमन करता हूँ।
जानिए स्वामी विवेकानंद के ऐसे अनमोल विचार, जो आपके जीवन की दिशा को बदल सकते हैं...
1. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
2. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
3. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
4. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
5. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
6. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
7. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
9.ध्यान और ज्ञान का प्रतीक हैं भगवान शिव, सीखें आगे बढ़ने के सबक।
10. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.
10. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
भारत की गुणगान स्वामी जी ने देश विदेश मे फैलाया और भारत की संस्कृति को विश्व के अनेकों देशों में बताया।
जानिए स्वामी विवेकानंद के ऐसे अनमोल विचार, जो आपके जीवन की दिशा को बदल सकते हैं...
1. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
2. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
3. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।
4. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।
5. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
6. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
7. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
9.ध्यान और ज्ञान का प्रतीक हैं भगवान शिव, सीखें आगे बढ़ने के सबक।
10. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.
10. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो।
भारत की गुणगान स्वामी जी ने देश विदेश मे फैलाया और भारत की संस्कृति को विश्व के अनेकों देशों में बताया।
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