पृथ्वी एक महा युग में कितनी बार घूमती है क्या आप जानते हैं? DO YOU KNOW HOW MANY TIMES THE EARTH REVOLVES IN A GREAT AGE.

                       

प्राचीन भारत के एक ऐसा महान वैज्ञानिक जिनके सामने अमेरिकन, युरोपियन भी कुछ भी नहीं है। हालांकि कभी कभी सभी वैज्ञानिक सिद्धांत को सदियों तक अपनाए नहीं जाते और उन्हें खोजने वाले वैज्ञानिक गुमनाम हो जाते हैं, लेकिन हज़ारों साल पहले ऐसे सिद्धांतो को रखने वाले महान वैज्ञानिकों को हम भूल नहीं सकते हैं। प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक आर्यभट की गिनती महानतम खगोल वैज्ञानिक के रूप में की जाती है। उन्होंने उस समय ब्रम्हांड की जानकारी पूरी दुनिया के सामने रखे जिस समय दुनिया के लोग ठीक से गिनती गिनना भी नहीं जानते थे। आर्यभट उस समय खगोल विज्ञान के प्रकांड पंडित थे। हालांकि दुनिया ये मानतीं है कि पृथ्वी और सूर्य के संबंध के बारे में सबसे पहले बताने वाले निकोलस कोपर्निकस था, लेकिन आर्यभट ने यह बात निकोलस से बहुत पहले बता दिया था। आर्यभट ने बताया
कि
                                       

पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती हुई सूर्य का चक्कर लगाते हैं और बाकी ग्रह सूर्य का चक्कर अपनी अलग अलग धुरी पर घूमते हुए लगाते हैं। यह बात आर्यभट उस समय बताया था जिस समय युनानी दार्शनिक अरस्तु का यह मानना था कि पृथ्वी केंद्र है और सूर्य के साथ बाकी ग्रह भी इसके चक्कर लगाते हैं। इसके अलावा आर्यभट को यह भी ज्ञात था कि चन्द्रमा और दूसरे ग्रह भी खुद के रोशनी से नहीं, बल्कि सूर्य के प्रकाश से चमकते हैं। खगोल विज्ञान के इस प्रकांड पंडित मे पृथ्वी की परिधि का सही माप जानने की क्षमता थी। उसके माप मे सिर्फ 65 मील की ही अशुद्धि है। इतना ही नहीं आर्यभट ने पृथ्वी के घूमने की समय के हिसाब को अलग अलग भागों में बांटा है और उन्होंने सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग के समय को समान बताया है
                                     
आर्यभट के हिसाब से 1 कल्प में 14 मन्वंतर और 1 मन्वंतर में 72 महायुग और 1 महायुग में 4(सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलयुग) होते हैं। एक महायुग में पृथ्वी 1 अरब 57 करोड़ 22 लाख 37 हजार 500 बार घूमती है इन सभी नियमों से आर्यभट की बुद्धिमत्ता का पता चलता है। लेकिन 0(शून्य) की खोज ने आर्यभट को अमर कर दिया। 0(शून्य) जिसके बिना गणित की कल्पना करना भी मुश्किल है। भारत के इस महान वैज्ञानिक आर्यभट का पूरी दुनिया हमेशा ऋणी रहेगा। 

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